About Divya Prakash Dubey



2005 में कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग, रुड़की से स्नातक और फिर 2009 में सिम्बॉयसिस इंस्टीट्यूट ऑफ़ बिज़नेस मैनेज़मेंट (SIBM), पुणे से मार्केटिंग में MBA के बाद अब एक टेलिकॉम कंपनी में सीनियर मैनेज़र (मार्केटिंग) के पद पर कार्यरत। फ़िल्म मेकिंग, स्क्रीनप्ले, लिरिक, कॉपीराइटिंग में शौकिया तौर पर सक्रिय। 2011 से फ़िल्म राइटर एसोसिएशन के सदस्य। 

इनके ऑफ़िस में लोग समझते हैं कि DPD (Divya Prakash Dubey) बेसिकली एक लेखक हैं जो मार्केटिंग भी कर लेते हैं जबकि बाक़ी लिखने वाले दोस्तों का मानना है कि ये एक अच्छे मार्केटिंग मैनेज़र हैं जो लिख भी लेते हैं।

बेस्ट सेलर ‘Masala Chai | मसाला चाय’ और ‘Terms & Conditions Apply | टर्म्स एंड कंडिशन्स अप्लाई’ लिखने के बहुत समय बाद तक दिव्य प्रकाश दुबे (DP) को यही माना जाता था कि वो ठीक-ठाक कहानियाँ लिख लेते हैं। लेकिन अब जब वो ‘स्टोरीबाज़ी’ में कहानियाँ सुनाते हैं तो लगता है कि वो ज़्यादा अच्छी कहानियाँ सुनाते हैं। TedX में बोलने गए तो टशन-टशन में हिंदी में बोल कर चले आए। हर संडे वो संडे वाली चिट्ठी लिखते हैं कुछ ऐसे लोगों के नाम जिनके नाम कोई चिट्ठी नहीं लिखता। तमाम इंजीनियरिंग और MBA कॉलेज जाते हैं तो अपनी कहानी सुनाते-सुनाते एक-दो लोगों को रायटर बनने की बीमारी दे आते हैं। पढ़ाई-लिखाई से BTech-MBA है और इन दिनों एक बड़ी सेल्युलर कंपनी में AGM ( Assistant General Manager) के पद पर कार्यरत हैं। 

मुसाफ़िर Café | Musafir Cafe दिव्य प्रकाश की तीसरी किताब है।

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