Musafir Cafe की समीक्षा फ़ेमिना हिंदी के अक्टूबर 2016 अंक में !
धर्मवीर भारती के कालजयी उपन्यास 'गुनाहों का देवता' के तीन केंद्रीय पात्र सुधा, चंदर और पम्मी आज के अंदाज में दिखेंगे !
मसाला चाय और टर्म्स एंड कंडीशन अप्लाई नामक दो कहानी संग्रह लिखने वाले दिव्य प्रकाश दुबे के पहले उपन्यास मुसफ़िर कैफ़े में सुधा वह लड़की है जो शादी नहीं करना चाहती और चंद्र कभी शादी नहीं करना चाहेगा ऐसा नहीं है ! जिंदगी को लेकर वह थोड़ा कंफ्यूज है ! मुंबई के एक कॉफी हाउस की शुरू होने वाली कहानी मसूरी के मुसफ़िर कैफ़े तक का रास्ता तय करती है ! रोचक इतनी है कि आप एक ही सीटिंग में पड़ जाएंगे ! अर्बन कहानी को अर्बन अंदाज़ में लिखा गया है ! प्यार और शादी की आज की पीढ़ी के अनुसार परिभाषा यहां मिलती है ! कई जगह वाकई ऐसी बातें हैं जिन्हें आप अंडर लाइन करना चाहेंगे जैसे कहानी का नायक चंदर करता हैं! कुछ कमाल के वन लाइनर्स हैं:
लाइफ को लेकर प्लान बड़े नहीं सिंपल
होने चाहिए ! प्लान ज्यादा बड़े हो जाएँ
तो लाइफ के लिए जगह ही नहीं बचती !
जिंदगी मिलती उन्हीं को है जो ढूढने निकलते हैं !
वो रिश्ते कभी लंबे नहीं चलते, जिसमें सब कुछ जान लिया जाता है !
वैसे भी जिंदगी की मंजिल भटकना है, कही पहुँचाना नहीं !
किताब और जिंदगी में फर्क बस लॉजिक भर का होता है।
किताब का अंत लॉजिकल होता है और जिंदगी का नहीं।
लेखक कहानी बयां करने का अंदाज़ अनूठा है ! डायलॉग्स का इस्तेमाल करते हुए ज्यादातर बातें कही गई है ! भूमिका बनाने की बेवजह कोशिश नहीं की गई है ! हालांकि शुरू में रोचकता पैदा करने के बाद के डायलॉग्स कहीं-कहीं बोर करने लगते हैं, पर लेखक जल्दी मामला संभाल लेते हैं ! उपन्यास का दूसरा हिस्सा रोचक है, जब चंदर अपना पागलपन तलाशने के लिए घर छोड़ता है ! यह किताब पढ़ते समय हैप्पी एंडिंग वाली किसी तीन घंटे की फ़िल्म-सा एहसास होता है ! पाठक के दिमागे में सुधा चंदर और पम्मी के चित्र बनते बिगड़ते रहते है ! जो पाठक कहानी में ठहराव चाहते है, उन्हें इसकी कमी महसूस होगी, पर एक ही झटके में व्यावहारिकता भी आ जाती है ! गुनाहो के देवता की कहानी को सुखद मोड़ पर लाकर खत्म करते हैं दिव्य प्रकाश जी !
About the Book Musafir Cafe
Musafir Cafe is the Latest Hindi Novel written by the Best Selling Young Author Divya Prakash Dubey. The Book is available on all the leading Online and Offline stores in India.
Click Here to Read out the First Chapter of the Book for Free.
Musafir Cafe is the Latest Hindi Novel written by the Best Selling Young Author Divya Prakash Dubey. The Book is available on all the leading Online and Offline stores in India.
Click Here to Read out the First Chapter of the Book for Free.